विविध मंत्र
मनवांछित फल हेतु जाप्य मंत्र:- ॐ ह्रीं श्री अ सि आ उ सा मम सर्वविघ्न शान्तिं कुरु कुरु स्वाहा ||
सर्वशांति हेतु जाप्य मंत्र:- ॐ ह्रीं श्रीशांतिनाथाय मम शांतिकराय सर्वोपद्रवशान्तिं कुरु कुरु ह्रीं नम: ||
रत्नत्रय जाप्य मंत्र:- ॐ ह्रीं श्री सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्रेभ्यो नम: ||
रोग नाशक मंत्र:- ॐ ऐँ ह्रीं श्री कलिकुंडस्वामिने नम: आरोग्य-परमेश्वर्य कुरु कुरु स्वाहा ||
(यह मंत्र श्री पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा के सामने शुद्ध भाव एवं क्रियापूर्वक 108 बार जपना चाहिए)
मंगलदायक मंत्र:- ॐ ह्रीं वरे सुवरे अ सि आ उ सा नम: ||
(यह मंत्र प्रतिदिन एकांत में शुद्ध भाव एवं धुप के साथ 108 बार जपना चाहिए)
ऐश्वर्यदायक मंत्र:- ॐ ह्रीं अ सि आ उ सा नम: स्वाहा ||
(यह मंत्र प्रतिदिन सूर्योदय के समय शुद्ध भावपूर्वक पूर्व दिशा में मुख करके 108 बार जपना चाहिए)
सर्वसिद्धिदायक मंत्र:- ॐ ह्रीं क्लीं श्री अर्हं श्री वृषभनाथतीर्थंकराय नम: ||
(समस्त कार्यों की सिद्धि हेतु प्रतिदिन 108 बार जपना चाहिए)
रोग निवारक मंत्र:- ॐ ह्रीं सकल-रोगहराय श्री सन्मतिदेवाय नम: ||
शांतिकारक मंत्र:- ॐ ह्रीं परमशांतिविधायकश्रीशांतिनाथाय नम: ||
रविव्रत जाप्य मंत्र:- ॐ ह्रीं नमो भगवते चिंतामणि पार्श्वनाथ सप्तफणमंडिताय श्री धरणेंद्र-पद्मावती सहिताय मम ऋद्धिं सिद्धिं वृद्धिं सौख्यं कुरु कुरु स्वाहा ||
दशलक्षण जाप्य मंत्र
1. ॐ ह्रीं उत्तमक्षमाधर्मांगाय नम: ||
2. ॐ ह्रीं उत्तममार्दवधर्मांगाय नम: ||
3. ॐ ह्रीं उत्तमआर्जवधर्मांगाय नम: ||
4. ॐ ह्रीं उत्तमसत्यधर्मांगाय नम: ||
5. ॐ ह्रीं उत्तमशौचधर्मांगाय नम: ||
6. ॐ ह्रीं उत्तमसंयमधर्मांगाय नम: ||
7. ॐ ह्रीं उत्तमतपधर्मांगाय नम: ||
8. ॐ ह्रीं उत्तमत्यागधर्मांगाय नम: ||
9. ॐ ह्रीं उत्तमआकिंचनधर्मांगाय नम: ||
10. ॐ ह्रीं उत्तमब्रह्मचर्यधर्मांगाय नम: ||
दैनिक जाप्य मंत्र
रविवार:- ॐ ह्रीं श्रीपार्श्वनाथजिनेन्द्राय नम: ||
सोमवार:- ॐ ह्रीं श्रीचन्द्रप्रभजिनेन्द्राय नम: ||
मंगलवार:- ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यजिनेन्द्राय नम: ||
बुधवार:- ॐ ह्रीं श्रीशांतिनाथजिनेन्द्राय नम: ||
गुरुवार:- ॐ ह्रीं सद्गुरुदोषनिवारणाय अष्टजिनेन्द्राय नम: ||
शुक्रवार:- ॐ ह्रीं श्रीपुष्पदंतजिनेन्द्राय नम: ||
शनिवार:- ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्राय नम: ||
Comments
Post a Comment