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श्री शीतलनाथ जी जिन पूजा - Shree Shitalnaath ji jin pooja

शीतलनाथ नमौं धरि हाथ, सु माथ जिन्हों भव गाथ मिटाये | अच्युत तें च्युत मात सुनन्द के, नन्द भये पुर बद्दल आये || वंश इक्ष्वाकु कियो जिन भूषित, भव्यन को भव पार लगाये | ऐसे कृपानिधि के पद पंकज, थापतु हौं हिय हर्ष बढ़ाये || ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथ जिनेन्द्र ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् | ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथ जिनेन्द्र ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः | ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथ जिनेन्द्र ! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् | देवापगा सु वर वारि विशुद्ध लायो, भृंगार हेम भरि भक्ति हिये बढ़ायो | रागादिदोष मल मर्दन हेतु येवा, चर्चौं पदाब्ज तव शीतलनाथ देवा...

चालीसा : श्री शीतलनाथ जी | Sheetalnath Ji Chalisa

शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अधिकाय । कल्प वृक्ष सम प्रभु चरण, हैं सबको सुखकाय ।। जय श्री शीतलनाथ गुणाकर, महिमा मंडित करुणासागर । भाद्दिलपुर के दृढरथ राय, भूप प्रजावत्सल कहलाये ।। रमणी रत्न सुनन्दा रानी, गर्भ आये श्री जिनवर ज्ञानी । द्वादशी माघ बदी को जन्मे, हर्ष लहर उठी त्रिभुवन में ।। उत्सव करते देव अनेक, मेरु पर करते अभिषेक । नाम दिया शिशु जिन को शीतल, भीष्म ज्वाल अध् होती शीतल ।। एक लक्ष पुर्वायु प्रभु की, नब्बे धनुष अवगाहना वपु की । वर्ण स्वर्ण सम उज्जवलपीत, दया धर्मं था उनका मीत ।। निरासक्त थे विषय भोगो में,...

आरती शीतलनाथ जी || Sheetalnath ji Aarti

ॐ जय शीतलनाथ स्वामी, स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी । घृत दीपक से करू आरती, घृत दीपक से करू आरती । तुम अंतरयामी, ॐ जय शीतलनाथ स्वामी ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी० भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु, दृढरथ पितु नामी २ । मात सुनन्दा के नन्दा तुम २, शिवपथ के स्वामी ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी० जन्म समय इन्द्रो ने, उत्सव खूब किया, स्वामी उत्सव खूब किया । मेरु सुदर्शन ऊपर २, अभिषेक खूब किया ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी० पंच कल्याणक अधिपति, होते तीर्थंकर ,स्वामी होते तीर्थंकर । तुम दसवे तीर्थंकर 2, हो प्रभु क्षेमंकर ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी० अपने पूजक निन्दक के प्रति, तुम हो वैरागी, स्वामी तुम हो वैरागी । केवल चित्त पवित्र करन नित 2, तुम पूजे रागी ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी० पाप प्रणाशक सुखकारक, तेरे वचन प्रभो ,स्वामी तेरे वचन प्रभो । आत्मा को शीतलता शाश्वत २, दे तब कथन विभो ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी० जिनवर प्रतिमा जिनवर जैसी,हम यह मान रहे,स्वामी हम यह मान रहे। प्रभो चंदानामती तब आरती २, भाव दुःख हान करें ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०...