अमृत से गगरी भरो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे... || Amrit se gagri bharo , ki navan prabhu ka aaj karenge
(तर्ज - महलो का राजा मिला, के रानी बेटी राज करेगी...) अमृत से गगरी भरो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे। खुशी-खुशी मिल के चलो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे। टेक॥ सब साथी मिल कलश सजाओ, मङ्गलकारी गीत सुनाओ; मन में आनन्द भयो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ।।१।। अमृत... इन्द्र इन्द्राणी मिल हर्ष मनावें, प्रभु-चरणों में शीश झुकावें; प्रभुजी की छवि निरखो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ॥२ ।। अमृत... सुवर्ण कलश प्रभु उदकनि धारा, अङ्गे न्हावे जिनवर प्यारा; स्वामी जगत को खरो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ॥३॥ अमृत... हे सुखकारी सब दु:खहारी, सेवा जिनकी प्यारी-प्यारी; लेकर ‘सरस’ को चलो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ॥४॥ अमृत... अन्य प्यारे भजन /Read more Bhajans See More >>