चोपड़ा कुंड सम्मेदशिखर गिरिराज पे, चोपड़ा कुंड महान। पारस चंदा बाहुबली, पूजूं मैं धरि ध्यान। ॐ श्री सम्मेदशिखर चोपड़ा कुंड मध्ये पार्श्वनाथ, चन्द्रप्रभु, बाहुबली जिनेन्द्राय अनर्घपद प्राप्तये अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा || २४ तीर्थंकरो के गणधरों की कूट चौबीसों जिनराज के, गण नायक हैं जेह | मन वच तन कर पूजहूँ, शिखर सम्मेद यजेह || ॐ ह्रीं श्री गौतम स्वामी आदि गणधर देव ग्राम के उद्यान आदि भिन्न-भिन्न स्थानों से निर्वाण पधारे हैं तिनके चरणारविन्द को मेरा मन,वच,काय से बारम्बार नमस्कार हो,जलादि अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा || श्री कुंथुनाथ भगवान की टोंक (ज्ञानधर कूट) कुंथुनाथ जिनराज का, कूट ज्ञानधर जेह | मन वच तन कर पूजहूँ, शिखर सम्मेद यजेह || ॐ ह्रीं श्रीकुन्थुनाथ जिनेंद्रादि मुनि 96 कोड़ा-कोडी, 96 करोड़, 32 लाख, 96 हजार, 742 मुनि इस कूट से सिद्ध हुए, तिनके चरणारविन्द को मेरा मन, वच, काय से बारम्बार नमस्कार हो, जलादि अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा || श्री नमिनाथ स्वामी की टोंक (मित्रधर कूट) नमिनाथ जिनराज का, कूट मित्रधर जेह | मन वच तन कर पूजहूँ, शिखर सम्मेद यजेह || ॐ ह्रीं श्र...
Jinvaani path, pooja & stotra