आसमान पे उड़ने वाले धरती को पहचान
किसी का रहा नहीं अभिमान --2
आसमान पे उड़ने वाले धरती को पहचान
ये संसार सभी नश्वर है फिर कैसा अभिमान
छोड़के जगको चलेगए वो जोथे वीरबलवान
किसी का रहा नहीं अभिमान --2
आसमान पे उड़ने वाले धरती को पहचान
धन दौलत का मान बुरा है कहते वेद पुराण
अभिमानी रावण का मिट गया नामोनिशान
किसी का रहा नहीं अभिमान --2
आसमान पे उड़ने वाले धरती को पहचान
तीरथ मंदिर मंदिर ढूढा दिया न इतना ध्यान
हरदिल में भगवान बसा है करले तू पहचान
किसी का रहा नहीं अभिमान --2
आसमान पे उड़ने वाले धरती को पहचान
सदा यहां नहीं रहना तुझको रहना दिनचार
इंसा से क्यों नफरत करता तू भी तो इंसान
किसी का रहा नहीं अभिमान --2
आसमान पे उडने बाले धरती को पहचान
अबभी समय शरण आजा तजदे अभिमान
ये संसार छोड़ कर जाना तेरा हो शमशान
किसी का रहा नहीं अभिमान --2
आसमान पे उड़ने वाले धरती को पहचान
किसी का रहा नहीं अभिमान --2
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