भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना
अब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना
हम दिन दुखी निर्धन, नित नाम जपे प्रतिपल
यह सोच दरस दोगे, प्रभु आज नहीं तो कल
जो बाग़ लगाया है फूलो से सजा देना
अब तक तोह निभाया…
तुम शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान दिवाकर हो
मुम हँस चुगे मोती, तुम मानसरोवर हो
दो बूंद सुधा रूस की, हम को भी पिला देना
अब तक तोह निभाया…
रोकोगे भला कब तक, दर्शन दो मुझे तुम से
चरणों से लिपट जाऊं प्रभु शोक लता जैसे
अब द्वार खड़ा तेरे , मुझे रह दिखा देना
अब तक तोह निभाया है…
मझदार पड़ी नैया डगमग डोले भव में
आओ त्रिशाला नंदन हम धयान धरे मन में
अब दस करे विनती, मुझे अपना बना लेना
भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना
अब तक तोह निभाया है आगे भी निभा देना
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भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना ।
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना ॥
दल बल के साथ माया, घेरे जो मुझ को आ कर ।
तुम देखते ना रहना, झट आ के बचा लेना ॥
संभव है झंझटों में मैं तुझ को भूल जाऊं ।
पर नाथ दया कर के मुझ को ना भुला देना ॥
तुम देव मैं पुजारी, तुम इष्ट मैं उपासक ।
यह बात अगर सच है तो सच कर के दिखा देना ॥
तेरी कृपा से हमने हीरा जनम यह पाया ।
जब प्राण तन से निकले, अपने में मिला लेना ॥
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